नववर्ष संवत्सर जलने के पन्द्रह
दिन बाद क्यों ?
चान्द्रमास के नाम इस प्रकार है-- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, अषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, अगहन, पौष, माघ और
फाल्गुन। जबकि सौरमास की गणना राशि के नाम से होती है सूर्य एक राशि पर एक माह तक
रहता है और मेषादि राशियों के नाम ही उन महीनों के नाम हैं।
1 टिप्पणी:
आचार्य रजनीश शुक्ल जी के इस गूढ़ विषय और जटिल प्रश्न का जनसामान्य की भाषा मे सरलता से विवेचन स्वागतयोग्य है।
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